Mahashivratri 2019

महाशिवरात्रि पर्व स्पेशल देवदेवस्वर महाराज 
( नैमिषारण्य )

प्रययुस्तस्य चक्रस्य यत्र नेमिर्व्यशीर्यत।
 तद् वनं तेन विख्यातं नैमिषं मुनिपूजितम्॥

नैमिषारण्य लखनऊ से ८० किमी दूर लखनऊ क्षेत्र के अर्न्तगत सीतापुर जिला में गोमती नदी के बाएँ तट पर स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ है। मार्कण्डेय पुराण में अनेक बार इसका उल्लेख ८८००० ऋषियों की तपःस्थली के रूप में आया है। वायु पुराणान्तर्गत माघ माहात्म्य तथा बृहद्धर्मपुराण, पूर्व-भाग के अनुसार इसके किसी गुप्त स्थल में आज भी ऋषियों का स्वाध्यायानुष्ठान चलता है। लोमहर्षण के पुत्र सौति उग्रश्रवा ने यहीं ऋषियों को पौराणिक कथाएं सुनायी थीं।
दर्शनीय स्थल -
यहाँ चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, मनु-सतरूपा तपोभूमि और हनुमान गढ़ी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। नेमिषारण्य से कुछ दूरी पर मिश्रिख है- दधीचि कुंड। वृत्तासुर राक्षस के वध के लिए वज्रायुध के निर्माण हेतु फाल्गुनी पूर्णिमा को जब इन्द्रादि देवताओं ने महर्षि दधीचि से उनकी अस्थियों की मांग की तो अस्थिदान से पूर्व महर्षि दधीचि ने इस सरोवर में स्नान किया था। सभी तीर्थों से पवित्र नदियों के जल लाकर एक ही स्थान पर इसी मानसरोवर में मिलाया गया इसलिए यह स्थान 'मिश्रित' या फिर 'मिश्रिख' के नाम से जाना जाता है